केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशन में व्यापार के सरलीकरण को बढ़ावा मिला है तथा राज्य के श्रम बल को कार्यक्षेत्र में बेहतर वातावरण प्राप्त हुआ है : जोशी

नई दिल्ली, 29 जनवरी। प्रदेश के कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने आज नई दिल्ली में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के रूप में नई दिल्ली में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले एवं खेल मंत्री, डॉ मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में आयोजित दो दिवसीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों एवं सचिवों के साथ राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग किया गया।
इस बैठक में श्रम सुधारों, कार्यबल के लिए सामाजिक सुरक्षा उपायों, राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल और मॉडल करियर केंद्रों (एमसीसी) के माध्यम से रोजगार क्षमताओ में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित तथा रोजगार सृजन में सुधारों को सुविधाजनक बनाने और श्रमिकों के हितों की रक्षा करते हुए इंडस्ट्री को बढ़ावा देने सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।
सुबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य ने अपनी श्रम नीतियों में विगत 10 वर्षों में कई विकासपरक सुधार किये हैं। जिनसे व्यापार के सरलीकरण को बढ़ावा मिला है तथा राज्य के श्रम बल को कार्यक्षेत्र में बेहतर वातावरण प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि कारखानों में महिलाओं को रात्रि-पाली (रात्रि 7 बजे से प्रातः 6 बजे तक) में कार्य करने की छूट प्रदान करते हुए उनकी सुरक्षा तथा यौन उत्पीडन संबंधी घटनाएं रोकने के लिए प्रावधान किए गए हैं। जिससे महिला कर्मकारों के रोजगार के अवसर बढ़े है, साथ-साथ व्यापारों को भी नियोजन करने में सुगमता हुई है।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य श्रमिकों, व्यापारियों सभी छोटे बड़े उद्यमियों के विकास हेतु सदैव तत्पर है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार भी जताया और आशा व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में विकास की इस यात्रा हम आगे भी इस प्रकार के नीतिगत निर्णय लेकर राज्य का चहुंमुखी विकास हेतु संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा दो दिवसीय इस चिंतन बैठक में जो मंथन निकलकर आयेगा। उससे निश्चित ही देश एवं प्रदेश के श्रमिकों और छोटे बड़े उद्यमियों के विकास के मददगार साबित होगा।
इस दौरान बैठक में कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रीगण एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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