प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री धामी को यूं ही ऊर्जावान मुख्यमंत्री नहीं कहते, सूरज उगते ही धामी का अन्य राज्यों मे भाजपा के लिए प्रचार, और देर शाम तक फिर देहरादून में उच्च अधिकारियों से बैठक में पूछा बताओ चार धाम यात्रा व्यवस्थाओ में और क्या-क्या किया सुधार
राजनाथ सिंह भी कायल है धामी के ताबड़तोड़ निर्णय लेने की क्षमता के,राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है चार धाम यात्रा, धामी ने अधिकारियों से कहा ग्राउंड जीरो पर ही रहो..
प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए भाजपा के सांसद प्रत्याशियों के लिए जारी है धामी का ताबड़तोड़ रोड शो, और देर रात तक निभा रहे हैं मुख्य सेवक का कर्तव्य …
राधा रतूड़ी, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, को मुख्यमंत्री ने कहा तीर्थ यात्रियों की यात्रा सुखद एवं सुरक्षित बनाये जाने के लिए ओर क्या क्या प्रयास किये
धामी ने उच्च अधिकारियों से पूछा सभी अधिकारी ग्राउंड में जाकर श्रद्धालुओ से फीडबैक ले भी रहे है या नही… ध्यान रहे छोटी कमियों को भी दूर किया जाए
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पिछले 30 दिनों से भाजपा के सांसद प्रत्याशियों के लिए अन्य राज्यों में जाकर ताबड़तोड़ प्रचार प्रचार,रोड शो कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में चल रही महत्वपूर्ण चारधाम यात्रा स्वयं नज़र नजर रखे हुए हैं ओर लगातार अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं… प्रधानमंत्री मोदी ने ठीक ही कहा है… की मुख्यमंत्री धामी ऊर्जावान मुख्यमंत्री है .. जो आज उत्तराखंड राज्य ही नहीं अन्य राज्य के लोग भी देख रहे हैं… सूरज निकलते ही. भाजपा के सांसद प्रत्याशियों के लिए प्रचार प्रसार पर निकल पड़ते है.. और फिर समय निकालकर.. देहरादून पहुंचते ही. बिना थके बिना रुके राज्य के मुख्यसेवक का कर्तव्य निभाते हैं.
तो वही राजनाथ सिंह ने भी कई बार मंच से धामी की तारीफ करते हुए कहा है की धामी में ताबड़तोड़ निर्णय लेने की क्षमता है… और धामी के ताबड़तोड़ निर्णय लेने की क्षमता ने ही उन्हें देश भर में अलग पहचान दी है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सांय सचिवालय में प्रदेश में संचालित चार धाम यात्रा, पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति व्यवस्थाओं के साथ ही वनाग्नि की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रबंधन की मुख्य सचिव के सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश देते हुए कहा कि यात्रा व्यवस्थाओं से जुडे अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाते हुए तीर्थ यात्रियों की यात्रा सुखद एवं सुरक्षित बनाये जाने के प्रयास किये जाएं..
उन्होंने कहा कि देवभूमि में आने वाले श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य होना चाहिए..
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। जिस तेजी से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, हम सबका दायित्व है कि यात्रा को सुगम और सरल बनाने में सभी मिलकर सहयोगी बनें। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े सभी जनपद यात्रा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए समन्वय के साथ कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने शासन और पुलिस के अधिकारियों को पुनः निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा से सबंधित जो भी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाता है, उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए। चारधाम यात्रा के लिए भीड़ प्रबंधन का विशेष ध्यान रखे जाने के साथ यह सुनिश्चित किया जाए कि चारों धामों में श्रद्धालुओं की जो संख्या निर्धारित की गई है, उसके अनुसार ही श्रद्धालुओं को भेजा जाए। बिना रजिस्ट्रेशन के जो श्रद्धालु उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर प्रवेश कर चुके हैं, वे चारों धामों के अलावा राज्य के अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें वहां भेजे जाने के भी प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा सभी अधिकारी ग्राउंड में जाकर श्रद्धालुओ से फीडबैक भी लें ताकि समय रहते छोटी कमियों को भी दूर किया जाए
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ग्रीष्मकाल को ध्यान में रखते हुए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। चारधाम यात्रा में भी पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। पेयजल से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में जाकर पेयजल व्यवस्थाओं को देखें। जिन क्षेत्रों में पेयजल की कमी है, टैंकरों और अन्य माध्यमों से पेयजल व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाय। इसके लिए तीनों निगम यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। राज्य में विद्युत की मांग के अनुसार आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये है।
मुख्यमंत्री ने वनाग्नि को रोकने के लिये जन जागरूकता पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिये सचिवों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठायें। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाये जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाय।
इस बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, सचिव एवं आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे